ग्राम सरखनापूरब में संसाधन जुटाने के लिए समुदाय के सार्थक प्रयास
सरखनापूरब की ग्राम जल प्रबन्धन समिति द्वारा ग्राम स्वच्छ पानी के अभाव के प्रति किया गया संघर्ष
“पानी की कहानी जल प्रबन्धन समिति की जुबानी”
प्रकृति द्वारा मानव जीवन के लिए जल एक अनमोल उपहार है जल की वजह से ही धरती पर जीवन संभव है, भारत के अनेकों राज्य पानी की कमी से जूझ रहें है। जबकि पृथ्वी का तीन चैथाई हिस्सा पानी से घिरा हुआ है। स्वच्छ जल बहुत तरीकों से उत्तर प्रदेश और अनेंको राज्यों के लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है साथ ही स्वच्छ जल का अभाव एक बहुत बड़ी समस्या बनता जा रहा है। बढ़ते हुए जल प्रदूषण की वजह से पानी जहर बनता जा रहा है, प्रदूषित जल पीने से लोग अनेंको बीमारियों से ग्रसित हैं। इस बड़ी समस्या को किसी अकेले व्यक्ति द्वारा नही सुलझाया जा सकता है। यह एक ऐसी समस्या है जिसमें समुदाय व वैश्विक स्तर पर लोगों को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।
गाँव का परिचय
आइये आपको रूबरू करवाते हैं शारदा नदी के किनारे बसे एक ऐसे गाँव से, जहाँ पीने के लिए पानी तो है लेकिन वह पानी किसी जहर से कम नही है। फिर भी इस पानी को पीने के लिए लोग मजबूर हैे। ग्राम पंचायत सरखनापूरब विकास खण्ड पलिया जिला खीरी का 737 परिवारों के माध्यम से 3675 जनसंख्या वाला गाँव है जहाँ प्रति व्यक्ति आय का स्तर अत्यधिक निम्न है और आर्थिक दृष्टि से पिछड़ा हुआ है , इस गाँव के लोगो का मानना है कि समुदाय के लोगो की क्षमताओं में कमी होने के कारण वह अपनी जीवनशैली में सुधार नही कर पा रहें है। जबकि यहाँ से प्रखण्ड कार्यलय की दूरीे मात्र 6 किमी. है जिससे अक्सर किसी न किसी अधिकारी का इस ग्राम में आना जाना लगा रहता है। लेकिन पानी की स्थिति पर किसी का ध्यान नही जाता है इस ग्राम के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेतीबाड़ी, मजदूरी तथा छोटे-मोटे उद्योग धन्धे (जैसे-फरचून की दुकान, कास्मेटिक , मेडिकल आदि ) है।
समुदाय की क्षमताओं में विकास
समुदाय की क्षमता के विकास की यदि बात की जाये तो आप पायेंगे एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा समुदाय की क्षमता में विकास किया गया । समुदाय के लोगों ने बताया कि यहाँ अगस्त 2017 में ग्रामीण डेवलपमेंन्ट सर्विसेज द्वारा आक्सफेम इण्डिया के सहयोग शारदा नदी किनारे बसे ग्रामों में जल अधिकार व जल संसाधन प्रबन्धन के प्रति कार्य करने हेतु ट्रोसा परियोजना की शुरूआत की गई। इस परियोजना के उद्देश्यो के अन्र्तगत ग्राम में समुदाय आधारित ग्राम जल प्रबन्धन समिति का निर्माण किया गया तथा इस समिति द्वारा मासिक बैठक करके जल प्रबन्धन, जल संसाधन प्रबन्धन, जल अधिकार, स्वच्छ पेयजल ,जल संरक्षण के साथ साथ ग्राम की अन्य समस्याओं पर चर्चा की जाने लगी। हर माह की बैठक प्रतिभाग करते करते ग्राम जल प्रबन्धन समिति की क्षमताओं में विकास होने लगा । जिसमें शारदा नदी किनारे बसे 21 चयनित ग्रामों की जल प्रबन्धन समितियों व समुदाय द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जल शासन नीतियों को प्रभावित करने के लिए शारदा नदी नागरिक मंच की स्थापना की गई शारदा नदी नागरिक मंच द्वारा लोक विज्ञान के बारे में जाना गया और उसे ग्राम से लोगों के साथ साझा किया , उसके बाद लोक विज्ञान के अन्र्तगत ग्राम में भूजल की गुणवत्ता में टी0डी0एस0 व पी0एच0 की जाँच की गई। जल गुणवत्ता जाँच में पाया गया कि ग्राम के पीने योग्य पानी टी0डी0एस0 की मात्रा अधिक व पी0एच0 की मात्रा अत्यधिक कम पाई गई। जिसे समुदाय में बड़ी गम्भीरता से लिया गया और ग्राम की समुदाय आधारित ग्राम जल प्रबन्धन समिति द्वारा ग्राम में स्वच्छ पानी की उपलब्धता हेतु ओवर हैड टैंक निर्माण हेतु एक मुहिम की शुरूआत की गई।
ग्राम जल प्रबन्धन समिति द्वारा ओवर हैड टैंक निर्माण हेतु कार्यवाही की शुरूआत
दिनांक 13/08/2019 को ग्राम जल प्रंबधन समिति द्वारा ग्राम में स्वच्छ पानी के अभाव की समस्या को गम्भीरता में लेते समय गा्रम में स्वच्छ पानी की उपलब्धता हेतु ओवर हैड़ टैंक व 300 फिट गहराई वाले इण्डिया मार्का 2 हैण्डपम्प की कार्ययोजना के साथ ग्राम की अन्य समस्याओं के प्रति कार्ययोजना बनाने के लिए ग्राम जल प्रबन्धन समिति बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें निम्नलिखित कार्ययोजना को बनाया गया।
स्वच्छ पेयजल की समस्या
इण्डिया मार्का टू हैडपम्प निर्माण
नाली मरम्मत व नाली सफाई
सड़क व नाली निर्माण
शौचालय निर्माण
प्रधानमंत्री आवास योजना
उपरोक्त कार्ययोजना बनाते हुए सभी उपस्थित सदस्यों द्वारा ग्राम में स्वच्छ पानी की उपलब्धता हेतु ओवर हैड टैंक निर्माण को प्राथमिकता दी गई जिससे ग्राम के सभी सदस्यों को स्वच्छ पानी मिल सके तथा इस कार्ययोजना को ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की उपस्थिति में ग्राम विकास योजना में शामिल कराने हेतु दिनांक 18.08.2019 को निर्धारित किया। उसके बाद दिनांक 18/08/2019 ग्राम जल प्रबन्धन समिति की अध्यक्ष श्रीमती ओमवती की अध्यक्षता में वार्ड मेम्बर , समुदाय व स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ ग्राम के 12 पुरूष व 33 महिलाओं सहित 45 सदस्य ग्राम जल प्रबन्धन समिति बैठक स्थान ओमवती के घर पर उपस्थित हुए और इन सभी सदस्यों की उपस्थिति में स्वच्छ जल की उपलब्धता हेतु आवेदन पत्र लिखा गया। उसके बाद सभी सदस्यों ने ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय पर जाकर ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को समुदाय की अन्य समस्याओं के साथ ग्राम में स्वच्छ पानी की व्यवस्था हेतु प्रस्ताव दिया गया, जिस पर ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ने हस्ताक्षर करते हुए कहा कि इस प्रस्ताव को उच्च अधिकारियों को आप लोगो के द्वारा प्रेषित किया जाए । क्योंकि इससे पूर्व भी ग्राम में ओवर हैड टैंक निर्माण हेतू प्रस्ताव दिया जा चुका है लेकिन प्रशासन द्वारा अब तक इस मामले को संज्ञान में नही लिया गया है। जिसमें सभी सदस्यों द्वारा तुरन्त यह योजना बनाई गई कि 03.09.2019 को तहसील दिवस में आवेदन किया जायेगा।
उसके बाद दिनांक 3/09/2019को गा्रम जल प्रंबधन समिति अध्यक्ष ओमवती की अगुवाई में समुदाय की महिलाओं व पुरूष समुदाय में स्वच्छ पानी की व्यवस्था की मांग को लेकर तहसील पहुॅचे , जहाॅ उन्होनें उपजिलाधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी को समुदाय में पानी की स्थिति बताई और दूषित पीने से समुदाय पर होने वाले प्रभावों के प्रति बताया जिसमें उपजिलाधिकारी श्रीमती पूजा यादव व खण्ड विकास अधिकारी द्वारा उक्त प्रकरण को शीघ्र ही संज्ञान में लेने का आश्वासन दिया गया।
धीरे- धीरे 15 दिन बीत जाने के बाद भी उक्त प्रकरण को अधिकारियों द्वारा संज्ञान में नहीं लिया गया, जिससे समुदाय को लोगो को निराशा हुई । लेकिन आगे की कार्यवाही हेतु योजना बनाने के लिए ग्राम जल प्रबन्धन समिति द्वारा दिनांक 17/09/2019 को ग्राम जल प्रंबधन समिति की बैठक का आयोजन किया गया। निर्धारित कार्यो की समीक्षा और कार्य की स्थिति के को देखते हुए सभी उपस्थित सदस्यों द्वारा उक्त प्रकरण को उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री को सूचित करने की योजना बनाई और तत्काल जल समिति अध्यक्ष श्रीमती ओमवती द्वारा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर फोन कर स्वच्छ पानी की मांग की कार्यवाही के प्रति बताया गया । जिसमें 1076 हेल्पलाइन कार्यकर्ता द्वारा मामले को शीर्घ ही संज्ञान में लेने का आश्वासन दिया गया।
बैठक के दौरान यह भी योजना बनाई गई कि यदि मुख्यमंत्री द्वारा भी इस समस्या को गम्भीरता नही लिया गया तो इसके बाद इस समस्या को प्रधानमंत्री ( भारत सरकार ) तक पहुँचाया जायेगा।
निष्कर्ष:- ग्राम जल प्रबन्धन समिति व समुदाय के सदस्यों द्वारा बताया गया कि ट्रोसा परियोजना के अन्तर्गत उनके जल अधिकारों के प्रति उनकी क्षमताओं में विकास हुआ है तथा जल संसाधनों को दूषित करने वाले कारको की पहचान हुई है, जिसमें उनके द्वारा निर्धारित किया गया है कि जल संसाधनोे को दूषित होने से बचाने के लिए आवश्यकतानुसार वर्तमान स्थिति के विषय में उच्च अधिकारियों को अवगत कराते हुए समस्या के निस्तारण हेतु सम्बन्धित अधिकारों से संवाद किया जायेगा।
उपरोक्त अब तक की प्रक्रिया को करने ग्राम जल प्रबन्धन समिति के साथ पी0आर0आई0 व समुदाय सहित 103 सदस्यों ने अपनी भूमिका निभाई जिसमें 60 महिला व 43 पुरूष शामिल हूए।
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